मी वसंतराव

 नमस्कार नमस्कार आप पढ़ रहे हैं Maharastra Melodies मै वैष्णवी पवार आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है मेरे इस ब्लॉग चैनल पर । आज हम जानने वाले हैं वसंतराव देशपांडे जी के बारे में।  वसंतराव देशपांडे, एक महान लेखक और नाटककार थे, जिनका जीवन एक उदाहरण स्वरूप है। उनका जन्म 8 मार्च, 1912 में हुआ था और उनका नाम वसंतराव रामजीराव देशपांडे था। वह महाराष्ट्र से थे और उनके कार्यों ने मराठी साहित्य को एक नए दिशा स्तर पर ले जाने में मदद की। देशपांडे का बचपन गाँव में बीता, जहां उन्होंने साधारिता और सामाजिक न्याय की महत्वपूर्ण बातें सीखीं। उनके पिता का नाम रामजीराव था और वह एक किसान थे। देशपांडे की माता का नाम शंकराबाई था, जो उनके लेखन के प्रति शिक्षात्मक समर्थन करती थीं। उन्होंने विभिन्न भाषाओं में लेखन किया और उनकी कहानियां आम जनता के बीच पहुंची। उनका लेखन विवेकपूर्ण, चुस्त और समाज से जुड़ा था, जिससे उन्होंने एक विशेष पहचान बनाई।उनका शिक्षा में रुचि थी, और वह नाटक लेखन की दिशा में आगे बढ़ने का सपना देख रहे थे। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की, और इसके बाद उन्होंने अपने लेखन करियर की शुरुआत की।उनका पहला प्रसिद्ध नाटक "तुझे आहे तुझपासून" था, जो बड़े ही सफलता के साथ प्रदर्शित हुआ। इसके बाद, उन्होंने कई और लोकप्रिय नाटकों की रचना की, जो समाज में जागरूकता फैलाने में मदद करते थे। देशपांडे जी  ने शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय संगीत का प्रदर्शन किया, कालिया मर्दन, दूध भात और अष्टविनायक सहित फिल्मों में अभिनय किया।


 उन्होंने अपने नाम से कई व्यावसायिक रिलीज़ जारी कीं,और राग राज कल्याण बनाया, जो पंचम दा बिना यमन का एक प्रकार है। देशपांडे जी छात्रों में चंद्रकांत लिमये, विजय कोपरकर और पंडित पद्माकर कुलकर्णी शामिल थे।


देशपांडे का लेखन सीधा और सत्यप्रिय था, जिससे उन्होंने अपने पाठकों को स्पष्ट और सोचने पर आमंत्रित किया। उनकी रचनाएं सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर आधारित थीं, और इसके बावजूद वे बहुत भाषा में लिखते थे, जिससे उनकी रचनाओं को व्यापक पहुंच मिली।उनका लेखन विशेषत: विचारशीलता और सत्यनिष्ठा के साथ अभिवृद्धि करता रहा। उनकी कहानियां आम जनता की समस्याओं और उनके अनुभवों को छूने वाली थीं, जिससे उन्होंने एक आम आदमी की भूमिका में अपना स्थान बनाया।देशपांडे का नाटक "सती एका पुतळ्याचं" ने समाज में सती प्रथा के खिलाफ उठाई आवाज को बुलंदी प्रदान की।


इसके बाद उन्होंने लगातार कई नाटक और किताबें लिखीं, जिनमें "पुरुष" और "असा मी असामी" शामिल हैं। उनका प्रमुख कार्य 'पु. ल. देशपांडे' नामक साहित्यिक संग्रह है, जिसमें उन्होंने समाज, राजनीति और जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास किया। उनके नाटक भी समाज में बहुत चर्चा के लिए प्रसिद्ध हुए। उनकी साहित्यिक यात्रा में, उन्होंने अनेक पुरस्कार भी जीते, जिनमें साहित। जीवन पर आधारित एक मूवी भी आई हुई है जिसका नाम है मी वसंतराव उनको भुमिका राहुल देशपांडे ने निभाई है जो की उन्ही के पोते है उनके लिए काफी गर्व की बात है कि उनके पोते ने इनकी भुमिका निभाई है।



 यह थे हमारे आज के melodie कि कहानी मिलते हैं इसे किसी melodie ऐसे ही के साथ अब तक के लिए नमस्कार असो माझा ।

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