अनुराधा पौडवाल

मस्कार नमस्कार आप पढ़ रहे हैं Maharastra Melodies मै वैष्णवी पवार आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है मेरे इस ब्लॉग चैनल पर । आज हम जानने वाले हैं अनुराधा पौडवाल,जी के बारे में।अनुराधा पौडवाल, भारतीय संगीत जगत में एक प्रमुख गायिका हैं। उनका जन्म 27 अक्टूबर 1954 को हुआ था। बॉलीवुड में प्रवेश करने से पहले उन्होंने एक रेडियो कार्यक्रम में गाया था। उन्होंने 1973 में फिल्म अभिमन से अपनी संगीत यात्रा शुरू की, जहां उन्होंने जया भादुड़ी के लिए एक संस्कृत कविता गाई। उनका संगीत करियर दशकों तक फैला है और उन्होंने अनगिनत गाने गाए हैं। फिर उन्हे 1970 में, उन्होंने कुछ लोकप्रिय गाने गाए, जिन्हें संगीत रचनाकारों के साथ-साथ जनता द्वारा भी सराहा गया, लेकिन उन्हें ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिली। उस समय उन्होंने डबिंग आर्टिस्ट के रूप में गाया था। उनका पहला प्रमुख गायन "कैलाश के निवासी" फिल्म से था, जो 1974 में रिलीज़ हुई थी।



 उनकी मिठी आवाज ने सुनने वालों को आकर्षित किया और उन्हें भारतीय संगीत के शिक्षकों में से एक बना दिया। उन्होंने फिल्म हीरो में मनहर उधास के साथ अपने गीत तू मेरा जानू है से लोकप्रियता हासिल की। उन्हें वास्तविक गायिका - लता मंगेशकर के लिए इस गीत को 'डब' करने के लिए कहा गया था। बाद में लताजी को वास्तविक रिकॉर्डिंग के लिए गीत गाना था। लेकिन जब संगीत निर्देशक जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने अनुराधा का संस्करण सुना, तो उन्होंने तय किया कि चूंकि फिल्म में एक अभिनेत्री, मीनाक्षी शेषाद्रि अपनी शुरुआत कर रही थीं, इसलिए यह उचित था कि गीत को एक नई आवाज द्वारा भी गाया जाना चाहिए। उसके बाद उन्होंने उस समय के स्थापित गायकों के साथ गाने गाए और कई संगीत रचनाकारों के साथ काम किया।फिल्म आशिकी का म्यूजिक जब रिलीज हुआ तो कुछ ही समय में पॉपुलर हो गया। इसने अनुराधा पौडवाल को एक सफल पार्श्व गायिका के रूप में स्थापित किया। उसके बाद 1991 में दिल है कि मानता नहीं, और सड़क रिलीज हुई, जो बेहद सफल भी रही। फिर क्या लग गए उनकी बॉलीवुड की गाड़ी पर ब्रेक उन्होंने बॉलीवुड और भजन संगीत में अपनी अनूठी पहचान बनाई, और उनके गाने लोकप्रियता में रहे हैं। उन्होंने अनेक फिल्मों के लिए गायन किया और उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया।बॉलीवुड छोड़ने के बाद उन्होंने भक्ति गीत गाना शुरू कर दिया। नवरात्रि से एक दिन पहले गुलशन कुमार ने अनुराधा पौडवाल को मां दुर्गा के भक्ति गीत गाने के लिए कहा। अनुराधा ने उन भजनों को गाया और जब इन्हें बाजार में जारी किया गया तो ये तुरंत बिक गए। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक भक्ति गीत गाना शुरू कर दिया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके भजन भारत में बेहद लोकप्रिय हैं, विशेष रूप से उनके शिव और दुर्गा भजन , माता वैष्णो देवी भजन जगराता। हिंदू भजनों के अलावा उन्होंने कुछ इस्लामी, ईसाई, जैन, बो भी गाए। गुलशन कुमार जी की फिल्म मां वैष्णो देवी में अनुराधा जी ने अपनी आवाज़ जी जैसे की हाथ जोड़ के खड़ी हु, धरती गगन में होती है, आए तेरे भवन ।




 1997 में गुलशन कुमार की हत्या के बाद और  अनुराधा पौडवाल ने फिर से अन्य म्यूजिक लेबल के लिए गाने गाना शुरू कर दिया। उन्होंने फिर से टिप्स इंडस्ट्रीज, वीनस रिकॉर्ड्स एंड टेप्स और अन्य के साथ काम करना शुरू कर दिया। बालासुब्रमण्यम, येसुदास, मन्ना डे, मोहम्मद अजीज, कुमार सानू, उदित नारायण, सोनू निगम, मुकेश, पंकज उधास, मनहर उधास, सुरेश वाडकर, नितिन मुकेश, अभिजीत भट्टाचार्य और कई अन्य पुरुष गायकों के साथ काम किया है। 

उन्होंने कविता कृष्णमूर्ति, अलका याग्निक, साधना सरगम, आशा भोसले और कई अन्य महिला गायकों के साथ काम किया है। 

लगभग सभी उल्लेखनीय गायकों और संगीतकारों के साथ काम करने के बाद उन्हें काफी पुरस्कर से नवाजा गया है।

 

  • 2017: भारत सरकार द्वारा पद्म श्री
  • 2013: महाराष्ट्र सरकार द्वारा मोहम्मद रफी पुरस्कार
  • 2011: लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए मदर टेरेसा पुरस्कार
  • 2010: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लता मंगेशकर पुरस्कार


  • 1986: सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका - "मेरे मन बाजो मृदंग" (उत्सव)
  • 1991: सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका - "नज़र के सामने" (आशिकी)
  • 1992: सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका - "दिल है कि मानता नहीं" (दिल है कि मानता नहीं)
  • 1993: सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका - "धक धक करने लगा" (बेटा)


अनुराधा पौडवाल ने अपने शैली और साहस से संगीत की दुनिया में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है, और उनका योगदान संगीत प्रेमियों के दिलों में बना हुआ है। यह थी हमारे आज के melodie कि कहानी मिलते हैं इसे किसी melodie ऐसे ही के साथ अब तक के लिए नमस्कार असो माझा । 

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